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Showing posts from April, 2015
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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास किसी के लिए समय और प्यार नहीं है..... यहाँ एक ऐसे ही बच्चे की मन की आवाज़ है जो अपनी व्यस्त माँ के प्यार से वंचित होकर उनके सो जाने के बाद उसके दिल में गूंजती है........   चाँद का कटोरा  जब सोती है तू, तब रोता हूँ मै....  रात काली ये अँधेरी, डराती है मुझे और ये दिल है हर वक़्त चाहता, बस देखना तुझे.... इन अंधेरों में यूहीं कही खोता हूँ मैं जब सोती है तू, तब रोता हूँ मै....  बातें जो कही थी तुमसे माँ, वो सच है.…  कहने को और भी बहुत कुछ है सुनोगी भी की नहीं, यही सोचता हूँ मैं जब सोती है तू, तब रोता हूँ मै.... आज कुछ ऐसा ही महसूस कर रहा हूँ ....  ज़रा आकर देखो, जीते जी मर रहा हूँ बस तेरे पास, अपने सपनो में ही होता हु मैं जब सोती है तू, तब रोता हूँ मै....

IMAGINE YOUR LIFE WITHOUT BIRD

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पक्षी जिसे हम हर रोज़ देखतें हैं पर कभी उनकी मन की भावनावों को समझने की कोशिश नहीं करते....... वो कुछ बोलना चाहते  है.…… मैंने सुनने की कोशिश की....... जब एक दिन मै अपने कॉलेज के वर्कशॉप के ऊँची बिल्डिंग के पास बैठा था तभी एक चिड़ियाँ उस ऊँची बिल्डिंग से टकराई और गिर गई……… और उसने मुझसे कहा  ज़रा महसूस तो करो..... पर काट दिये तुमने मेरे, ये ऊँची इमारतें बनाकर…..  फिर भी चैन मिलता नही तुम्हे, मेरी दुनिया को मिटाकर फूटे सर या टूटे पर, होगा कैसे तुमपर असर.…  हमारी हस्ती मिटाने को तुमने, छोड़े नहीं है कोई कसर शान से ऊपर कॉलर करके, कहते हो अब विकसित है हम....  ज़रा बताओ तो तुम्हारी नयी हवा में, क्यों घुटने लगता है दम  मेरी दुनिया को रोककर, लिखते हर रोज़ नई कहानी..… रोक सको तो रोक लो ना, अपनी घटती जवानी