Posts

Showing posts from 2015

BE ORIGINAL

Image
हर इंसान की बुनियाद उसका पैतृक स्थान ही होता है ....... छोड़ कर वो जगह अगर आपको लगता है आप बिलकुल बदल गए तो आप सरासर गलत है........ आपमें अभी भी वही की खुशबु है ,वही की बात है …… मुखौटा पहनना छोड़ दो, जिंदगी जीना सीख लो      अब  मै  अपने  गाँव  चला  मिट्टी जिससे बना हु मै, उसकी खुशबू लेने, मै चला  अब मै अपने गाँव चला।  क्यों चला, शहर की शोर में, गैया की मां  कमरे की एसी मे, पीपल की छाँव  चौड़े सड़क पर, खेत की आरी  पानी की बोतल मे, कुँए का पानी  बड़े दुकानो में, छोटा शिवाला  चमचमाती चम्मच में, दादी का निवाला हाय हेलो में, बड़ों का आशीर्वाद  ढूंढने लगा, रोने लगा, कहने लगा  अब मै अपने गाँव चला।  क्यों है यहां लोगों में लगी बस होड़  क्यों ना देते इस झूठी दुनिया को छोड़  आओ, चलो, सोचों मत  बस चल पड़ो अपने गाँव की ओर। 
Image
दिन  के उजाले में अँधेरे को महसूस करके देखो….... आँखे बंद करके खुली दुनिया को देखो .......... सांसे रोककर कभी जिंदगी को जियो……………  अच्छा लगेगा   दो पलकें  ..........  दो खुली पलकें दो झुकी पलकें , आमने सामने है क्यों आज ये अजनबी बनके  धड़कने सुन रहा है कोई आँखे पढ़ रहा है कोई  बिन बोले ही बहुत कुछ सुन रहा है कोई  .......  ज़माने की नज़र लग गई हमारी दास्ताँ सुनके , फिर भी तोड़ ना पाये ये धागे हमदोनो के मन के
Image
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास किसी के लिए समय और प्यार नहीं है..... यहाँ एक ऐसे ही बच्चे की मन की आवाज़ है जो अपनी व्यस्त माँ के प्यार से वंचित होकर उनके सो जाने के बाद उसके दिल में गूंजती है........   चाँद का कटोरा  जब सोती है तू, तब रोता हूँ मै....  रात काली ये अँधेरी, डराती है मुझे और ये दिल है हर वक़्त चाहता, बस देखना तुझे.... इन अंधेरों में यूहीं कही खोता हूँ मैं जब सोती है तू, तब रोता हूँ मै....  बातें जो कही थी तुमसे माँ, वो सच है.…  कहने को और भी बहुत कुछ है सुनोगी भी की नहीं, यही सोचता हूँ मैं जब सोती है तू, तब रोता हूँ मै.... आज कुछ ऐसा ही महसूस कर रहा हूँ ....  ज़रा आकर देखो, जीते जी मर रहा हूँ बस तेरे पास, अपने सपनो में ही होता हु मैं जब सोती है तू, तब रोता हूँ मै....

IMAGINE YOUR LIFE WITHOUT BIRD

Image
पक्षी जिसे हम हर रोज़ देखतें हैं पर कभी उनकी मन की भावनावों को समझने की कोशिश नहीं करते....... वो कुछ बोलना चाहते  है.…… मैंने सुनने की कोशिश की....... जब एक दिन मै अपने कॉलेज के वर्कशॉप के ऊँची बिल्डिंग के पास बैठा था तभी एक चिड़ियाँ उस ऊँची बिल्डिंग से टकराई और गिर गई……… और उसने मुझसे कहा  ज़रा महसूस तो करो..... पर काट दिये तुमने मेरे, ये ऊँची इमारतें बनाकर…..  फिर भी चैन मिलता नही तुम्हे, मेरी दुनिया को मिटाकर फूटे सर या टूटे पर, होगा कैसे तुमपर असर.…  हमारी हस्ती मिटाने को तुमने, छोड़े नहीं है कोई कसर शान से ऊपर कॉलर करके, कहते हो अब विकसित है हम....  ज़रा बताओ तो तुम्हारी नयी हवा में, क्यों घुटने लगता है दम  मेरी दुनिया को रोककर, लिखते हर रोज़ नई कहानी..… रोक सको तो रोक लो ना, अपनी घटती जवानी    

LOVE IN RAIN

Image
मेरी पहली शायरी   होली की याद कैसी वो बारिश थी, कैसी वो रात बिन भीगे भीग गए हम, जाने कैसी थी वो बात।  लाल था चेहरा मेरे यार का, चढा था रंग उसपर प्यार का फिर कब होगी बारिश, कब आयगी रात कब होगी पूरी, हमारी अधूरी सी वो बात.………