BE ORIGINAL
हर इंसान की बुनियाद उसका पैतृक स्थान ही होता है ....... छोड़ कर वो जगह अगर आपको लगता है आप बिलकुल बदल गए तो आप सरासर गलत है........ आपमें अभी भी वही की खुशबु है ,वही की बात है …… मुखौटा पहनना छोड़ दो, जिंदगी जीना सीख लो अब मै अपने गाँव चला मिट्टी जिससे बना हु मै, उसकी खुशबू लेने, मै चला अब मै अपने गाँव चला। क्यों चला, शहर की शोर में, गैया की मां कमरे की एसी मे, पीपल की छाँव चौड़े सड़क पर, खेत की आरी पानी की बोतल मे, कुँए का पानी बड़े दुकानो में, छोटा शिवाला चमचमाती चम्मच में, दादी का निवाला हाय हेलो में, बड़ों का आशीर्वाद ढूंढने लगा, रोने लगा, कहने लगा अब मै अपने गाँव चला। क्यों है यहां लोगों में लगी बस होड़ क्यों ना देते इस झूठी दुनिया को छोड़ आओ, चलो, सोचों मत बस चल पड़ो अपने गाँव की ओर।