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दिन  के उजाले में अँधेरे को महसूस करके देखो….... आँखे बंद करके खुली दुनिया को देखो .......... सांसे रोककर कभी जिंदगी को जियो……………  अच्छा लगेगा   दो पलकें  ..........  दो खुली पलकें दो झुकी पलकें , आमने सामने है क्यों आज ये अजनबी बनके  धड़कने सुन रहा है कोई आँखे पढ़ रहा है कोई  बिन बोले ही बहुत कुछ सुन रहा है कोई  .......  ज़माने की नज़र लग गई हमारी दास्ताँ सुनके , फिर भी तोड़ ना पाये ये धागे हमदोनो के मन के